Monday, October 03, 2016

रिद्धि दे सिद्धि दे अष्ट नव निद्धि द

" रिद्धि दे सिद्धि दे अष्ट नव निद्धि दे,
वंश में वृद्धि दे बाकबानी,
ह्रदय में ज्ञान दे चितमें ध्यान दे अभय वरदान दे शंभूरानी ,
दुःख को दूर कर सुख भरपुर कर आश संपूर्ण कर दास जानी ,
सज्जन सो हित दे कुटुंब में प्रीत दे जग में जीत दे श्री भवानी."
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरुपेण संस्थिता। नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्येनमो नम: ।।

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