Saturday, June 30, 2018

10 सलाहें

उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीश, जो परिवारिक झगडे़ सुलझाने वाले न्यायालय से सम्बंधित थे, उन की 10 सलाहें।

1. अपने बेटे और पुत्र वधु को विवाह उपरांत अपने साथ रहने के लिए उत्साहित न करें, उत्तम है उन्हें अलग, यहां तक कि किरायेे के मकान में भी रहने को कहें, अलग घर ढूूँढना उनकी परेशानी है। आप और बच्चों के घरों की अधिक दूरी आप के सम्बंधों को वेहतर बनायेगी।

2. अपनी पुत्र वधु से अपने पुत्र की पत्नी कि तरह व्यवहार करें, न की अपनी बेटी की तरह, आप मित्रवत् हो सकते हैं। आप का पुत्र सदैव आप से छोटा रहेगा, किन्तु उस की पत्नी नहीं, अगर एक बार भी उसे डांट देंगें तो वह सदैव याद रखेगी

वास्तविकता में केवल उस की माँ ही उसे डाँटने या सुधारने का एकाधिकार रखती है आप नहीं।

3. आपकी पुत्रवधु की कोई भी आदत या उस का चरित्र किसी भी अवस्था मैं आप की नहीं, आप के पुत्र की परेशानी है, क्योंकि पुत्र व्यस्क है।

4. ईकट्ठे रहते हुए भी अपनी अपनी जिम्मेदारियाँ स्पष्ट रखें, उनके कपड़े न धोयें, खाना न पकायें या आया का काम न करें, जब तक पुत्रवधू उसके लिए आप से प्रार्थना न करे, और अगर आप ये करने में सक्षम हैं, एवम् प्रति उपकार भी नहीं चाहते तो। बिशेषतः अपने पुत्र की परेशानियों को अपनी परेशानियां न बनाए, उसे स्वयं हल करने देंं।

5. जब वह लड़ रहे हों, गूंगे एवम् बैहरे बने रहें। यह स्वभाविक है कि छोटी उमर के पति पत्नी अपने झगड़े में अविभावकों का हस्तक्षेप नहीं चाहते। 

6. आपके पोती पोते केवल आप के पुत्र एवम् पुत्रवधू के हैं, वह उन्हें जैसा बनाना चाहते हैं बनाने दें, अच्छाई या बुराई के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होंगे।

7. आप की पुत्रवधु को आप का सम्मान या सेवा करना जरुरी नहीं है, यह आप के बेटे का दायित्व है।आप को अपने बेटे को ऐसी शिक्षा देनी चाहिए कि वह एक अच्छा ईन्सान बने जिस से आपके और आप की पुत्रवधु के सम्बंध अच्छे रहें।

8. अपनी रिटायरमेंट को सूनियोजित करें, अपने बच्चों से उस में ज्यादा सहयोग की उम्मीद न करें। आप बहुत से पडाव अपनी जीवन यात्रा में तय कर चुके हैं पर अभी भी जीवन यात्रा में बहुत कुछ सीखना है।

9. यह आप के हित में है आप अपने रिटायरमेंट सालों आनन्द लें, वेहतर है अगर आप अपनी मृत्यु से पूर्व उसका भरपूर आनन्द लें जो आप ने जीवन पर्यंत मेहनत करके बचाया है। अपनी कमाई को अपने लिए महत्त्वहीन न होने दें।

10. आपके नाती पोते आपके परिवार का हिस्सा नहीं हैं, वह अपने अभिभावकों धरोहर हैं।

कृपया ध्यान् दें...

यह संदेश सिर्फ़ आप के लिए नहीं है, इसे मित्रों, अभिभावकों, ससुरालियों, चाचा चाची एवम् ताऊ ताई पति एवम् पत्नी सभी, शान्ति एवम् समर्द्धी के लिए शेअर करें क्योंकि यह उच्चतम् न्यायालय के न्यायाधीश, जो परिवारिक झगडे़ सुलझाते रहे हैं, उनके तजुर्बे पर आधारित हैं।

 

Thursday, June 28, 2018

तुम व्हाट्सएप, मैं टेलीग्राम..

पता नहीं किसकी रचना है लेकिन बड़े ही तीखे व्यंग्य कसे हैं:

एकदम फ्रेश एवं समसामयिक...
😊😊👍👍

तुम मायावती सी स्वप्नसुंदरी,
मै राहुल सा समझदार प्रिये।
कर्नाटक के गठबंधन सा,
है तेरा मेरा प्यार प्रिये।।
😊😊😊😊😊😊😊

मैं आरएसएस का उग्रवाद,
तुम आईएसआईएस का शान्तरूप।
मैं मंदिर का कर्णकटु शंखनाद,
तुम अजान सी मधुर झंकार प्रिये
😜😜😜😜😜😜😜

तुम व्हाट्सएप, मैं टेलीग्राम,
तुम नेट बैंकिंग, मैं मनीऑर्डर।
तुम बुलेट ट्रेन सी द्रुतगामी,
मैं खच्चर-ऊंट सवार प्रिये।।
😍😍😍😍😍😍😍

सोनिया सी त्यागमूर्ति हो तुम,
मैं हूं अटल सा पद लोलुप।
मैं नाम का पीएम मनमोहन,
तुम ही असली सरकार प्रिये।।
😝😝😝😝😝😝😝

तुम रेणुका की सी स्मित मंद,
और मैं स्मृति का अटृहास।
तुम मर्यादित भाषा निरुपम की,
मैं आडवाणी वाचाल प्रिये।
😉😉😉😉😉😉😉

तुम गगनचुम्बी पेट्रोल भाव,
मैं इंटरनेट सा सस्ता हूँ।
लेकिन हम दोनों से ही है,
इस दुनिया की रफ्तार प्रिये।।
😂😂😂😂😂😂😂

तुम लालू जैसी पशुप्रेमी,
निर्दोष टूजी, सीजी बोफोर्स
तुम चिदम्बरम सी ईमानदार,
मुझसे लज्जित भ्रष्टाचार प्रिये।l
😳😳😳😳😳😳😳

तुम सेकुलर कांग्रेस जैसी,
मैं साम्प्रदायिक बीजेपी सा।
तेरी काली करतूतों का,
मैं ढोता सर पर भार प्रिये।।
😏😏😏😏😏😏😏

तुम दिग्विजय-थरूर चरित्रवान,
मैं योगी-मोदी सा पतित।
तुम औवेसी जैसी देशभक्त,
मैं द्रोही गुनहगार प्रिये।।
☺☺☺☺☺☺☺

तुम मासूम हो पत्थरबाजों सी,
मैं तुझसे पिटता क्रूर सैनिक।
तू वोट बैंक का स्ट्रांग रूम,
मैं तेरे आगे लाचार प्रिये।।
😔😔😔😔😔😔😔

तुम वेटिकन का लव लेटर,
तुम देवबंद का फतवा हो।
मैं खामोशी संत महंतों की,
और मिथ्या गीता सार प्रिये।।
🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩

मैं कश्मीरी पंडित अतिक्रमी,
तुम पीड़ित निरीह रोहिंग्या हो।
मैं रिफ्यूजी कैंप के हूँ काबिल,
तुम भारत की हकदार प्रिये।।
😍😍😍😍😍😍😍

*तुम भारत गौरव जिन्ना हो,*
*मैं भगतसिंह आतंकवादी।*
*भारत की आज़ादी के श्रेय पर,*
*है तेरा ही अधिकार प्रिये।*
🌹🙏🌹🌹🙏🌹🙏

Friday, June 22, 2018

Hinduism

Devotee : "Swamiji, who is the founder of Christianity?"
Swami Chinmayananda : "Jesus"
Devotee : "Who is the founder of Islam?"
Swami Chinmayananda : "Mohammed".
Devotee : "Who is the founder of Hinduism?"
Swami Chinmayananda : "................."
Devotee : "What Swamiji, your religion doesn't have a founder?"

Swami Chinmayananda : "There is no one particular founder for Hinduism as its not an outcome of one personality's knowledge. Let me put the same question to you. Who is the founder of Chemistry? Physics? You cannot answer, because these are sciences which had contributions from plenty of scientists. In Hinduism, our Rishis were the scientists".

Devotee : "..."

Swami Chinmayananda : "If you ask a Christian to give book on Christianity, he gives you Bible. If you ask a Muslim to give book on Islam, he gives you Quran. But if you ask me to give book on Hinduism, I will say, "Welcome to my Library!"