Thursday, June 28, 2018

तुम व्हाट्सएप, मैं टेलीग्राम..

पता नहीं किसकी रचना है लेकिन बड़े ही तीखे व्यंग्य कसे हैं:

एकदम फ्रेश एवं समसामयिक...
😊😊👍👍

तुम मायावती सी स्वप्नसुंदरी,
मै राहुल सा समझदार प्रिये।
कर्नाटक के गठबंधन सा,
है तेरा मेरा प्यार प्रिये।।
😊😊😊😊😊😊😊

मैं आरएसएस का उग्रवाद,
तुम आईएसआईएस का शान्तरूप।
मैं मंदिर का कर्णकटु शंखनाद,
तुम अजान सी मधुर झंकार प्रिये
😜😜😜😜😜😜😜

तुम व्हाट्सएप, मैं टेलीग्राम,
तुम नेट बैंकिंग, मैं मनीऑर्डर।
तुम बुलेट ट्रेन सी द्रुतगामी,
मैं खच्चर-ऊंट सवार प्रिये।।
😍😍😍😍😍😍😍

सोनिया सी त्यागमूर्ति हो तुम,
मैं हूं अटल सा पद लोलुप।
मैं नाम का पीएम मनमोहन,
तुम ही असली सरकार प्रिये।।
😝😝😝😝😝😝😝

तुम रेणुका की सी स्मित मंद,
और मैं स्मृति का अटृहास।
तुम मर्यादित भाषा निरुपम की,
मैं आडवाणी वाचाल प्रिये।
😉😉😉😉😉😉😉

तुम गगनचुम्बी पेट्रोल भाव,
मैं इंटरनेट सा सस्ता हूँ।
लेकिन हम दोनों से ही है,
इस दुनिया की रफ्तार प्रिये।।
😂😂😂😂😂😂😂

तुम लालू जैसी पशुप्रेमी,
निर्दोष टूजी, सीजी बोफोर्स
तुम चिदम्बरम सी ईमानदार,
मुझसे लज्जित भ्रष्टाचार प्रिये।l
😳😳😳😳😳😳😳

तुम सेकुलर कांग्रेस जैसी,
मैं साम्प्रदायिक बीजेपी सा।
तेरी काली करतूतों का,
मैं ढोता सर पर भार प्रिये।।
😏😏😏😏😏😏😏

तुम दिग्विजय-थरूर चरित्रवान,
मैं योगी-मोदी सा पतित।
तुम औवेसी जैसी देशभक्त,
मैं द्रोही गुनहगार प्रिये।।
☺☺☺☺☺☺☺

तुम मासूम हो पत्थरबाजों सी,
मैं तुझसे पिटता क्रूर सैनिक।
तू वोट बैंक का स्ट्रांग रूम,
मैं तेरे आगे लाचार प्रिये।।
😔😔😔😔😔😔😔

तुम वेटिकन का लव लेटर,
तुम देवबंद का फतवा हो।
मैं खामोशी संत महंतों की,
और मिथ्या गीता सार प्रिये।।
🤩🤩🤩🤩🤩🤩🤩

मैं कश्मीरी पंडित अतिक्रमी,
तुम पीड़ित निरीह रोहिंग्या हो।
मैं रिफ्यूजी कैंप के हूँ काबिल,
तुम भारत की हकदार प्रिये।।
😍😍😍😍😍😍😍

*तुम भारत गौरव जिन्ना हो,*
*मैं भगतसिंह आतंकवादी।*
*भारत की आज़ादी के श्रेय पर,*
*है तेरा ही अधिकार प्रिये।*
🌹🙏🌹🌹🙏🌹🙏

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